Jazbaat Ki Kalpana: Dil Se Nikli Ankahee Shayari by Mumtajee

💖 Jazbaati Shayari — Mumtajee Ke Kalam Se

1.
टूटी रूह से निकला, इक नग़मा सा गुमनाम था,
जिक्र तेरा किया तो हर अल्फ़ाज़ बदनाम था।

2.
मेरे जज़्बातों का क्या हिसाब लोगे तुम,
ये तो वो ख्वाब हैं जो नींद से पहले जागते हैं।

3.
इश्क़ जब बेआवाज़ हो, तो सन्नाटों में चीखता है,
मोहब्बत जब अधूरी हो, तो उम्रभर जीता है।

4.
मेरा दिल वो किताब है जो कभी छपी नहीं,
और तेरी याद वो हरफ है जो मिटी ही नहीं।

5.
कोई कहता है तूफ़ान है, कोई कहता है सुकून,
मगर मेरे लिए तू, बस इक अधूरी जूनून।

6.
बारिशों से डर नहीं लगता अब,
क्योंकि आँसूओं ने भी कब का भीग लिया है मुझे।

7.
तुम रहो ना रहो मेरे साथ, कोई ग़म नहीं,
मेरी कलम में अब भी तुम्हारे नाम की स्याही बची है।

8.
सब कुछ कहा, मगर तुझसे दिल नहीं कहा,
तू पास था मगर फिर भी कहीं नहीं था।

9.
वो लम्हें जो तेरे साथ थे, अब भी सांसों में बसते हैं,
मैं हर दफा टूटकर, उन्हीं में जुड़ जाता हूँ।

10.
मेरी चुप्पियों की भी अपनी जुबां होती है,
तुमने सुनी होती तो शायद तुम आज भी मेरे होते।


🌙 Mumtajee Ke Jazbaat — Sirf Dil Se Dil Tak


👉 Shayari aur Jazbaat ka milan, sirf Mumtajee ke saath.

Jazbaat Shayari by Mumtajee

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